Sorry Shayari in Hindi | सॉरी शायरी , माफ़ी पर शायरी
हिंदी शायरी की दुनिया में आपका स्वागत है , आज हम आपके लिए सॉरी शायरी , माफ़ी पर शायरी लेकर आये है , सॉरी एक ऐसा लफ़ज़ है जिसे समजा नहीं केवल महसूस किया जा सकता है , जब कोई अपना हमसे नाराज़ हो जाता है , उसे मानाने के लिए ऐसा एक लफ़ज़ ही बहुत है मगर जुबान से नहीं अगर दिल से बोला जाए तो सभी अपने मान जाते है , उसी एक लफ़ज़ को प्यार से सॉरी कहते है , तो चलिए अपनों को मानाने के लिए सॉरी शायरी हिंदी में पढ़ते है , सॉरी शायरी हिंदी में सभी तरह की सॉरी शायरी है , जैसे के Sorry Shayari in Hindi , Sorry Shayari for Friend , Sorry Shayari in Hindi For Boyfriend , Sorry Shayari in Hindi for Girl Friend , Hindi Sorry Shayari , Maafi Shayari in Hindi , Sorry Love Shayari for Boyfriend or Girlfriend , Hindi Love Sorry Shayari , #SorryShayari #Maafi #Sorry #HindiShayari #Shayari , Sorry Quotes in Hindi
“बहुत उदास है कोई शख्स तेरे जाने से
हो सके तो लौट के आजा किसी बहाने से
तू लाख खफा हो पर एक बार तो देख ले
कोई बिखर गया है तेरे रूठ जाने से…”
“सोचता हूँ जिंदा हूँ,
मांग लूं सबसे माफ़ी,
ना जाने मरने के बाद
कोई माफ़ करे या ना करे “
“इश्क़ ने हमें रोने भी नहीं दिया,
गम ने हमें हसने भी नहीं दिया,
रूठ के जब याद आई तुम्हारी तो,
नींद ने हमें सोने भी न दिया”
“हमसे कोई खता हो जाये तो माफ़ करना,
हम याद न कर पाएं तो माफ़ करना,
दिल से तो हम आपको कभी भूलते नहीं,
पर ये दिल ही रुक जाये तो माफ़ करना”
“खता हो गयी तो फिर सज़ा सुना दो,
दिल में इतना दर्द क्यूँ है वजह बता दो”
“देर हो गयी याद करने में जरूर,
लेकिन तुमको भुला देंगे ये ख्याल मिटा दो,
सॉरी डार्लिंग..”
“दिल से तेरी याद को जुदा तो नहीं किया,
रखा जो तुझे याद कुछ बुरा तो नहीं किया,
हम से तू नाराज़ हैं किस लिये बता जरा,
हमने कभी तुझे खफा तो नहीं किया..”
“पलभर में टूट जाये वो कसम नहीं,
तुम्हे भूल जाये वो हम नहीं,
तुम रूठी रहो इस बात में दम नहीं,
तुम मनाने से न मनो इतने बुरे हम भी नहीं”
“कैसे आपको हम मनाए
बस एक बार बतादो
मेरी गलती मेरा कसूर मुझे याद दिला दो”
“दूरियों से फर्क नहीं पड़ता
बात तो दिलो की नजदीकियों से होती है !
दोस्ती तो कुछ आप जैसो से है
वरना मुलाकात तो जाने कितनो से होती है”
“उसे अपना कहने की बड़ी तमन्ना थी दिल मैं
इससे पहले की बात लबो पर आती वो गैर हो गये”
“अजीब सा दर्द है इन दिनों यारों,
न बताऊं तो ‘कायर’,
बताऊँ तो ‘शायर”
“सारा जहाँ चुपचाप है,
आहटें ना साज़ है,
क्यों हवा ठहरी हुई है,
आप क्या नाराज़ है”