Mirza Ghalib Shayari in Hindi 2 Lines
मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी(Mirza Ghalib Shayari) में आपका सवागत है , आज हम आपके लिए मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी इन हिंदी 2 लाइन(Mirza Ghalib Shayari in Hindi 2 Lines) में लेकर आये है , मिर्ज़ा ग़ालिब की शायरी(Mirza Ghalib ki Shayari)आज भी लोग पढ़ते है उनकी शायरी(Shayari) एक बहुत ही कमाल की शायरी है , मिर्ज़ा ग़ालिब की शायरी में एक अलग सा ही नशा है और शायरी रूह को शु जाती है | मिर्ज़ा ग़ालिब 27 जून 1797 को पैदा हुए थे वो 15 फेब्रुअरी 1869 को इस दुनिआ में अपनी प्यारी यादें छोर गए , आज भी मिर्ज़ा ग़ालिब अपनी शायरी में ज़िंदा नजर आते है , आप उनको शायरी में महसूस कर सकते है , आज हम ऐसे ही आप के लिए मिर्ज़ा ग़ालिब की बेस्ट हिंदी शायरी(Mirza Ghalib Best Hindi Poetry) लेकर आये है , उम्मीद है आपको पसंद आएगी…
Mirza Ghalib
Shayari in Hindi 2 Lines
“कहते हैं जीते हैं उम्मीद पे लोग
हम को जीने की भी उम्मीद नहीं..”
Mirza Ghalib Hindi Shayri
“मरते है आरज़ू में मरने की
मौत आती है पर नही आती,
काबा किस मुँह से जाओगे ‘ग़ालिब’
शर्म तुमको मगर नही आती..”
Mirza Ghalib
“बना कर फकीरों का हम भेस ग़ालिब
तमाशा-ए-अहल-ए-करम देखते है..”
Mirza Ghalib 2 Lines Hindi Shayari
“कितना खौफ होता है शाम के अंधेरों में,
पूछ उन परिंदों से जिनके घर नहीं होते”
Mirza Ghalib Shayari images
“आगे आती थी हाल-ए-दिल पे हँसी
अब किसी बात पर नहीं आती…”
Mirza Ghalib Poetry in Hindi 2 Line
“खुद को मनवाने का मुझको भी हुनर आता है
मैं वह कतरा हूं समंदर मेरे घर आता है..”
Mirza Ghalib Images
“मरते हैं आरज़ू में मरने की
मौत आती है पर नहीं आती..”
Hindi Shayari Mirza Ghalib
“इश्क़ ने ‘ग़ालिब’ निकम्मा कर दिया
वर्ना हम भी आदमी थे काम के..”